Rana kumbha palace haunted story in hindi
Rana Kumbha Places || राजस्थान का कुंभा महल
राजस्थान की धरती लाल रंग की मिट्टी से बनी है। यहां की संस्कृति, परंपराएं और इतिहास बहुत ही गौरवशाली और रोमांचक हैं। यह धरती शौर्य और बलिदान की कहानियों से भरी पड़ी है।
राजपूतों की वीरता और आन-बान-शान का गौरवशाली इतिहास प्रत्येक कण में समाया हुआ है। राजस्थान के भव्य महलों और किलों की अद्भुत वास्तुकला दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाती है।
kumbha mahal में रहस्य और डरावनी कहानियां
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किले में स्थित कुंभा महल Maharana Kumbha की शौर्य गाथा और उनकी पत्नी रानी पद्मिनी के बलिदान की कहानी को दर्शाता है। यह एक ऐसा महल है जिसमें रहस्यमय और डरावनी कहानियां भी निहित हैं।
कुछ लोग दावा करते हैं कि जो भी व्यक्ति रात के समय इस किले में प्रवेश करता है, वह जिंदा वापस नहीं लौट पाता। इसलिए कुंभा महल दुनिया के सबसे डरावने स्थलों में गिना जाता है। दिन के समय तो हजारों पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन रात होते ही सन्नाटा छा जाता है और आतंक का माहौल बन जाता है।
ये सभी कहानियां हैं या मिथक, इसके बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन दुनिया भर के लोग Rana Kumbha Places को रहस्यमय और भयंकर मानते हैं। सच क्या है, इसका पता लगाना मुश्किल है। लेकिन इतना जरूर है कि कुंभा महल एक गौरवशाली इतिहास और कहानियों से भरा पड़ा है।

Maharana Kumbha – राजपूत शौर्य का प्रतीक
महाराणा कुंभा चित्तौड़गढ़ के सबसे महान शासकों में से एक थे। उन्होंने 1433 से 1468 के बीच मेवाड़ पर शासन किया। युद्ध के अलावा, महाराणा कुंभा को अनेक किलों, दुर्गों और मंदिरों के निर्माण के लिए भी जाना जाता है।
उनके कार्यकाल को ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने मेवाड़ में 84 दुर्गों और गिरजाघरों का निर्माण करवाया था। इनमें से 32 की स्थापना स्वयं Maharana Kumbha ने की थी। चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, अचलगढ़, माचन दुर्ग, भुशावट दुर्ग और वसंतगढ़ उनके द्वारा निर्मित प्रमुख दुर्ग हैं। वास्तव में, वर्तमान चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण भी उन्होंने ही करवाया था।
महाराणा कुंभा बहुत ही शक्तिशाली शासक थे। आमेर और हाड़ौती जैसे प्रभावशाली राज्यों से भी वे कर वसूलते थे। Maharana Kumbha एक उदारवादी शासक भी थे जिन्होंने अपने शासनकाल में बड़ी संख्या में तालाबों और जलाशयों का निर्माण किया था।
रानी पद्मिनी की खूबसूरती और बलिदान rana kumbha palace
महारानी पद्मिनी महाराणा कुंभा की पत्नी थीं। उनकी खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक फैले थे। दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी इतने मोहित हुए कि उन्होंने महारानी को अपने हरम में लाने के लिए मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया।
जब दिल्ली के सैनिकों ने चित्तौड़गढ़ पर कब्जा कर लिया, तो महारानी पद्मिनी ने अपनी मर्यादा की रक्षा करने के लिए सात सौ महिलाओं के साथ जौहर कर लिया। उनकी यह बलिदान की गाथा आज भी राजपूत शौर्य और आन-बान-शान का प्रतीक है।
महल की वास्तुकला -rana kumbha palace
Rana Kumbha Places की वास्तुकला अपने आप में बेजोड़ है। इस महल की दीवारों पर कारीगरी का नायाब नमूना देखा जा सकता है। राजपूत कला का परिचय इसी महल से मिलता है। ऐसा लगता है जैसे कि प्राचीन समय में ही भव्य इमारतें बनाई जा सकती थीं।
महल के अंदर प्रवेश करने के लिए दो मुख्य द्वार हैं – बड़ी पोल और त्रिपोलिया नामक। जैसे ही आप इस महल में कदम रखते हैं, एक विशाल खुला आंगन नजर आता है। यहां सूरज गोखड़ा, जानना महल, कमर पहाड़ी महल जैसे और भी कई महल देखने को मिलते हैं।
महल के दक्षिणी भाग में पन्नाधाय और मीराबाई के मंदिर भी स्थित हैं। इसमें कई भूमिगत कमरे भी बने हुए हैं जहां कथित रूप से रानी पद्मिनी ने अपने साथियों के साथ जौहर किया था।
कुंभा महल की मुख्य विशेषताएं Rana Kumbha Places
– चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा
– Maharana Kumbha द्वारा 15वीं शताब्दी में निर्मित
– अनूठी राजपूत वास्तुकला और भव्य ढांचा
– रहस्यमय और डरावनी कहानियों से जुड़ा हुआ
– रात के समय आतंकित करने वाला माहौल
– रानी पद्मिनी के बलिदान की गाथा दर्शाता है
– राजपूत शौर्य और आन-बान-शान का प्रतीक
सांस्कृतिक महत्व
आज भी Rana Kumbha Places राजस्थानी संस्कृति और इतिहास की गौरवशाली विरासत को बनाए हुए है। यहां आने वाले सैलानी और पर्यटक राजपूतों की शौर्य गाथा और बलिदान के किस्सों से रूबरू होते हैं। इस तरह यह स्थल न केवल पर्यटन स्थल है बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत भी है।
कैसे पहुंचें Rana Kumbha Places ?
चित्तौड़गढ़ से लगभग 120 किमी की दूरी पर स्थित उदयपुर से कुंभा महल आसानी से पहुंचा जा सकता है। उदयपुर हवाईअड्डे और रेलवे स्टेशन से कई बसें और कैब सेवाएं उपलब्ध हैं। चित्तौड़गढ़ पहुंचने के बाद, आप किले में प्रवेश कर सकते हैं और कुंभा महल देख सकते हैं।
kumbha mahal शुल्क और घंटे
चित्तौड़गढ़ किला और कुंभा महल देखने के लिए एक ही टिकट लेना पड़ता है। यह सुविधा उपलब्ध है क्योंकि कुंभा महल किले के अंदर स्थित है। इस टिकट की कीमत भारतीय नागरिकों के लिए 30 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये है।
किला प्रातः 9 बजे से रात 5:30 बजे तक खुला रहता है। प्रबंधन की ओर से सलाह दी जाती है कि डरावने माहौल से बचने के लिए रात के समय किला न घूमें।
कुंभा महल के बारे में और रोचक तथ्य -rana kumbha palace
Rana Kumbha Places के बारे में कुछ और रोचक तथ्य जानना आपको यहां की समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास के बारे में और गहरी समझ देगा।
बेहतरीन दृश्य अनुभव
कुंभा महल की सबसे बड़ी खासियत है इसका शानदार अवलोकन। महल के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही आपको चित्तौड़गढ़ दुर्ग का विशाल क्षेत्र और शहर का शानदार नजारा दिखाई देगा। आप यहां से मेवाड़ की पहाड़ियों और घाटियों को भी देख सकते हैं। शाम के समय सूर्यास्त का नजारा देखना यहां एक बेहतरीन अनुभव होगा।
कलात्मक उत्कीर्णन और मूर्तियां
इस महल में उत्कृष्ट कलाकृतियों के नमूने देखने को मिलेंगे। बाहरी दीवारों और द्वारों पर बेहतरीन उत्कीर्णन और नक्काशी बनी है। महल के आंगन में बहुत सी प्रतिमाएं और मूर्तियां स्थापित हैं जो उस समय के शिल्पकारों की प्रतिभा को दर्शाती हैं। इनमें देवताओं और महाराणा की मूर्तियां शामिल हैं।
चित्तौड़गढ़ की यादगार जगह
कुंभा महल न केवल अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्मारक है, बल्कि चित्तौड़गढ़ के लिए भी एक यादगार जगह है। चित्तौड़गढ़ की कई लड़ाइयां और घटनाएं इस महल से जुड़ी हुई हैं। यहां से देखकर आप पूरे दुर्ग पर नजर डाल सकते हैं।
वास्तुकला का अध्ययन
rana kumbha palace शानदार राजपूत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। महल की पूरी इमारत का निर्माण उस समय के सर्वश्रेष्ठ शिल्पकारों द्वारा किया गया था। इसकी खूबसूरत दीवारें, महल के द्वार, शानदार स्तंभ और अन्य विशेषताएं वास्तुकला के शौकीनों और विद्यार्थियों को आकर्षित करती हैं।
अन्य लोकप्रिय आकर्षण Rana Kumbha Places
चित्तौड़गढ़ किले का दौरा करने के बाद, आप आसपास के कुछ अन्य लोकप्रिय स्थलों की भी यात्रा कर सकते हैं। इनमें उदयपुर महल, ऐतिहासिक जलमहल, पिच्छोला झील, गुलाब बाग़ और कुछ मंदिर शामिल हैं। यहां आसपास के कस्बों और गांवों में भी मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलेगा।
आधुनिक सुविधाएं rana kumbha palace
चित्तौड़गढ़ किला और इसके आसपास आधुनिक सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। यहां अच्छी होटल, गेस्ट हाउस और लॉज की व्यवस्था है जहां आराम से ठहरा जा सकता है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए अच्छी दुकानें, रेस्तरां और बस सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
कुंभा महल कई रहस्यों और रोमांचक कहानियों का घर है। यह न केवल एक शानदार वास्तु-निर्माण का नमूना है बल्कि राजस्थानी वीरता और संस्कृति की भी विरासत बनाए हुए है। यहां आकर आप अतीत का अनुभव कर सकते हैं और इतिहास से जुड़ी बातों को करीब से समझ सकते हैं।
निष्कर्ष
Rana Kumbha Places न केवल राजस्थानी संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है, बल्कि भारत की राजपूत विरासत का भी प्रतीक है। यह जगह अपने रहस्यमय और डरावने अतीत के कारण सैलानियों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां आकर आप एक ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव कर सकते हैं और राजपूत शौर्य एवं बलिदान की गाथा से रूबरू हो सकते हैं।
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