भारत के 5 रहस्यमयी ऐतिहासिक खंडहर
Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar प्राचीन समय से ही भारत देश विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों का गवाह रहा है। इस देश की धरती पर बहुत से किले, महल और नगर बसे हुए हैं जिनके खंडहर आज भी अपनी कहानियां सुना रहे हैं। इन खंडहरों के बीच कुछ ऐसे भी हैं जो रहस्यमयी और भयावह बताए जाते हैं। आइए जानते हैं उन पांच खंडहरों के बारे में जिनके इर्द-गिर्द कई रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं।

हम्पी के रहस्यमयी खंडहर
कर्नाटक के हम्पी शहर के विशाल खंडहर कई रहस्यों और कहानियों से घिरे हुए हैं। हम्पी, जिसे पहले विजयनगर साम्राज्य की राजधानी के रूप में जाना जाता था, अब एक सुनसान शहर के खंडहरों में बदल गया है। लेकिन इन्हीं खंडहरों के बीच कुछ ऐसे स्मारक हैं, जिनकी वजह से हम्पी को रहस्यमयी और डरावना माना जाता है।
इनमें से सबसे पहला है विठाला मंदिर। यह एक बहुत ही सुंदर और विशाल मंदिर है, जिसके मुख्य हॉल में 56 स्तंभ लगे हैं। इन स्तंभों की एक बहुत ही रहस्यमयी बात यह है कि जब इनपर थपथपाया जाता है, तो संगीत की लहरें निकलती हैं। आज तक इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं बताया जा सका है, जिससे यह और रहस्यमयी हो गया है।
दूसरा, हम्पी का कमल महल भी एक बेहद खूबसूरत और रहस्यमयी स्मारक है। इसकी संरचना बहुत ही सुंदर है और इसे देखकर लगता है जैसे यह एक विशाल कमल का फूल हो। लोगों की मानें तो कमल महल के बिना हम्पी की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
हम्पी के इन रहस्यमयी खंडहरों के बारे में कहा जाता है कि इनकी हर एक इमारत में कोई न कोई भेद छिपा हुआ है जो इनके बीते अतीत की कहानियां सुनाता है। इसी वजह से इन खंडहरों के बीच घूमना एक अलग ही अनुभव होता है।
यहां का सन्नाटा और डरावना माहौल भी इन खंडहरों को और भी रहस्यमयी बना देता है। कहा जाता है कि रात के अंधेरे में इन खंडहरों की गलियों में भटकना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऐसा लगता है जैसे कोई आपका पीछा कर रहा हो।
इसके अलावा, हम्पी के इन खंडहरों के बारे में कई लोककथाएं और अफवाहें भी प्रचलित हैं। उदाहरण के तौर पर, एक कहानी के अनुसार, इन खंडहरों में भूत और आत्माओं का डेरा लगा रहता है। ऐसी ही एक और कहानी है कि इन खंडहरों में एक भूत विशेष मौसम में दिखाई देता है।
ये कहानियां हालांकि डरावनी लगती हैं, लेकिन इन्हीं की वजह से हम्पी के खंडहर अपने आप में एक रहस्यमयी और रोचक स्थान बन गए हैं। अगर आपको इतिहास और रहस्यमयी जगहों का शौक है, तो हम्पी की यात्रा आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित हो सकती है। लेकिन याद रखें, यहां सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
ये थे भारत के कुछ रहस्यमयी और डरावने खंडहर। इनमें से प्रत्येक खंडहर को देखना अपने आप में एक अनूठा और रोमांचक अनुभव है। लेकिन साथ ही, इनसे जुड़ी कहानियों और अफवाहों से भी इनका रहस्यमयी और भयावह माहौल और भी बढ़ जाता है। इसलिए यदि आप इन खंडहरों में घूमने जाएं तो अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बिलकुल न भूलें।
विशेष बिंदु: Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar
– कर्नाटक में स्थित हम्पी विजयनगर साम्राज्य की पुरानी राजधानी थी।
– यहां के विठाला मंदिर और कमल महल खंडहरों में शामिल हैं।
– विठाला मंदिर के स्तंभों से संगीत की लहरें निकलती हैं।
– कमल महल की संरचना बेहद सुंदर और खास है।
– हम्पी के खंडहरों के बीच रहस्यमयी और डरावना माहौल मौजूद है।
धनुष्कोड़ी का भयावह खंडहर
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित धनुष्कोड़ी एक छोटा सा गांव है जिसका नाम हिंदू धर्म के महानायक भगवान राम से जुड़ा हुआ है। यहां के भयावह और रहस्यमयी खंडहरों ने इस गांव को दुनिया भर में विख्यात कर दिया है।
धनुष्कोड़ी का नाम आया है रामायण की उस कथा से जिसमें भगवान राम ने अपने सेवक हनुमान से श्रीलंका जाने के लिए एक पुल बनवाया था। इसी पुल के एक छोर को धनुष से तोड़ने की कथा से इस गांव का नाम धनुष्कोड़ी पड़ा। धनुष का अर्थ होता है धनुष या बाण और कोड़ी का मतलब है छोर या अंत।
कहा जाता है कि पुराने समय में धनुष्कोड़ी एक समृद्ध और फलदायी इलाका था जहां पर्याप्त मात्रा में खेती और मछली पकड़ने का काम होता था। लेकिन 22 दिसंबर 1964 की उस भयानक रात को एक विनाशकारी चक्रवात ने पूरे गांव को तबाह कर दिया।

चक्रवात के दौरान लगभग 1800 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और गांव में आई ऊंची लहरों से घर, दुकानें और सार्वजनिक इमारतें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। इस घटना के बाद धनुष्कोड़ी का अस्तित्व खत्म हो चुका था और बचे हुए निवासियों को अन्य जगहों पर बसाया गया।
लेकिन आज भी धनुष्कोड़ी के खंडहरों में घूमने पर आपको एक डरावना और भयावह अनुभव मिलेगा। यहां 15 किलोमीटर के दायरे में बिखरे पड़े हैं घरों, दुकानों और सार्वजनिक इमारतों के जीर्ण-शीर्ण अवशेष। इन खंडहरों के बीच घूमते समय आपको आसपास का सन्नाटा और सूनापन बहुत ही परेशान कर सकता है।
सूरज ढलने के बाद धनुष्कोड़ी को देखना और भी डरावना हो जाता है। कहा जाता है कि रात के अंधेरे में आवाजें सुनाई देती हैं जिनकी वजह से लोग यहां नहीं घूमना चाहते। स्थानीय लोगों की मानें तो रात के समय भूतों और आत्माओं का डेरा लग जाता है जो हर किसी को भगा देते हैं।
धनुष्कोड़ी में अब केवल लगभग 500 मछुआरों का एक छोटा समुदाय बचा है जो यहां बेहद गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहा है। इनके घरों में सिर्फ फूस की छतें हैं और ये लोग मौसम की मार झेलते हुए पालतू मछलियों पर ही निर्भर रहते हैं।
अगर आप डरावने और भयावह अनुभव चाहते हैं तो धनुष्कोड़ी के इन खंडहरों में जाना बेहद रोमांचक साबित हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि यहां रात के समय आना-जाना बिलकुल सुरक्षित नहीं है। आप दिन के समय यहां घूम सकते हैं और इस जगह के रहस्यमयी अतीत को जान सकते हैं।
विशेष बिंदु: Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar
– धनुष्कोड़ी गांव रामायण काल से जुड़ा होने के कारण धार्मिक महत्व रखता है।
– यहां का 15 किलोमीटर का रास्ता सुनसान और रहस्यमयी है।
– 1964 में आए चक्रवात से धनुष्कोड़ी तबाह हो गया था।
– आज भी जीर्ण शीर्ण इमारतों के अवशेष मौजूद हैं।
– इन खंडहरों की वजह से धनुष्कोड़ी को भयानक स्थान माना जाता है।
कलावंती किला – भूतिया किला
महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल शहरों के बीच स्थित कलावंती किला भी विश्व के सबसे डरावने और रहस्यमयी स्थानों में से एक है। इस किले को ‘भूतिया किला’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां भूतों और आत्माओं के डेरे होने की अफवाहें प्रचलित हैं।
लगभग 100 फीट की ऊंचाई पर बना कलावंती किला देखने में बेहद खूबसूरत है लेकिन इसकी डरावनी कहानियों की वजह से यहां घूमने आने वाले लोगों की रूह कांप जाती है। इस किले पर चढ़ने के लिए चट्टानों को काटकर बनाई गई सीढ़ियों में ना तो रेलिंग है और ना ही कोई सुरक्षा उपकरण।
कहा जाता है कि इन खतरनाक सीढ़ियों पर चढ़ना ही जान हथेली पर लेकर चलना होता है क्योंकि यहां पर गिरने पर ज़िंदा बचने की कोई गुंजाइश नहीं रहती। दरअसल कई लोगों की गिरकर मौत भी हो चुकी है जिससे यह किला और भी डरावना लगने लगा।
लेकिन इसके अलावा भी कलावंती किले से जुड़ी कई डरावनी कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस किले में नकारात्मक शक्तियां वास करती हैं जो यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर खींचती हैं। ऐसी ही एक कहानी है कि यहां एक तांत्रिक ने जादू करके एक राजकुमारी की मौत कर दी थी।
कलावंती किले के आसपास का सन्नाटा और मीलों दूर तक फैला जंगल भी इसे और भी डरावना बना देते हैं। कहा जाता है कि रात के अंधेरे में यहां से आवाजें आती हैं जो मानो इस किले के बीते अतीत की कहानियां सुना रही हों।
ऐसी कहानियों और रहस्यों की वजह से ही आज कलावंती किले की यात्रा पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव बन जाता है। आप दिन के समय यहां आकर इस किले के बारे में जान सकते हैं लेकिन सावधानी से क्योंकि यहां कोई भी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है।
विशेष बिंदु:Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar
– कलावंती दुर्ग महाराष्ट्र में स्थित खतरनाक किला है।
– इसकी लगभग 100 फीट ऊंची दीवारों पर चढ़ना जोखिम भरा है।
– कई लोगों की यहां से गिरकर मौत हो चुकी है।
– इसे “भूतिया किला” भी कहा जाता है।
– यहां नकारात्मक शक्तियों का वास माना जाता है।
रोज़ आइलैंड – अंडमान का भयावह द्वीप
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में स्थित रोज आइलैंड, खूबसूरत प्रकृति के बीच अपने डरावने और भयावह खंडहरों के लिए विख्यात है। बता दें कि यह छोटा द्वीप महज 0.3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है लेकिन इतिहासकारों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
दरअसल रोज आइलैंड को ब्रिटिश शासन काल में कैदियों को रखने के लिए चुना गया था। इसकी वजह यह थी कि यहां पर पीने के पानी की उपलब्धता थी। अंग्रेजों ने यहां जेल, चर्च, बॉलरूम आदि बनाए थे जिनके खंडहर आज भी मौजूद हैं।

रोज आइलैंड के इन खंडहरों को देखने पर पता चलता है कि यहां का काला अतीत बेहद शर्मनाक रहा होगा। कहा जाता है कि अंग्रेज अधिकारियों द्वारा कैदियों के साथ बेहद क्रूरता की जाती थी और उन्हें बर्बर तरीके से प्रताड़ित किया जाता था।
इसी वजह से रोज आइलैंड को आज भी एक भयावह स्थान माना जाता है। लोगों की मानें तो यहां से डरावनी आवाजें आती रहती हैं जो इन कैदियों का ही कोई संकेत हो सकती हैं। पर्यटकों के अनुसार भी इस द्वीप में कुछ ऐसा आभास होता है जैसे किसी वास्तविक घटना की गवाही दे रहा हो।
रोज आइलैंड का वातावरण भले ही आज शांत लग रहा हो लेकिन उसके अतीत में कई भयावह घटनाएं हुई होंगी जिनसे वह आज भी उबर नहीं पाया है। जंगलों से गूंजती पत्तियों की खरखराहट और समुद्र की गर्जना से यह जगह और भी रहस्यमयी और भयावह लगने लगती है।
अगर आप डरावने और रोमांचक अनुभवों को चाहते हैं तो रोज आइलैंड में घूमना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हालांकि यहां आते समय सावधानियों का पालन करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह जगह अनजाने में भी आपको खतरों से घिर सकती है।
विशेष बिंदु – Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar
– रोज आइलैंड पर अंग्रेजों द्वारा कैदियों के लिए खंडहर बनाए गए थे।
– यहां चर्च, गार्डन और बॉलरूम के अवशेष मौजूद हैं।
– जंगल से पत्तियों की खरखराहट और समुद्र की आवाजें आती हैं।
– रोज आइलैंड का काला इतिहास काफी शर्मनाक रहा है।
– इस जगह से डरावनी आवाजें आती हैं जिससे यह रहस्यमयी लगता है।
भानगढ़ का शापित खंडहर
राजस्थान के भानगढ़ किले की कहानियां काफी लोकप्रिय और रहस्यमयी हैं। 17वीं शताब्दी में बनाए गए इस किले की दीवारों पर छत नहीं है। एक कहानी के अनुसार, गुरु बालनाथ नामक तपस्वी ने किले की छाया उनके घर पर नहीं पड़ने देने की शर्त रखी थी लेकिन किले के उत्तराधिकारी ने इसकी अनदेखी की जिससे गुरु का श्राप लग गया।
दूसरी कहानी है कि राजकुमारी रत्नावती की खूबसूरती पर मुग्ध एक तांत्रिक ने जादू किया जिससे उसकी मृत्यु हो गई और उसने भानगढ़ पर श्राप लगा दिया। कुछ समय बाद एक युद्ध के बाद भानगढ़ तबाह हो गया और यहां रहने वाले सभी लोग मारे गए। आज भी भानगढ़ के खंडहर श्रापित होने की अफवाहों से घिरे हुए हैं।
विशेष बिंदु – Bharat Ke 5 Rahasyamayi Khandar
– भानगढ़ किले की दीवारों पर छत नहीं है।
– इसके निर्माण से पहले गुरु बालनाथ ने शर्त रखी थी जिसे पूरा नहीं किया गया।
– राजकुमारी रत्नावती की खूबसूरती पर मुग्ध एक तांत्रिक ने जादू किया।
– फिर एक युद्ध के बाद भानगढ़ तबाह हो गया।
– आज भी इसके खंडहरों पर श्राप की अफवाहें प्रचलित हैं।
इन रहस्यमयी और भयावह खंडहरों के बारे में कई लोकगाथाएं और कहानियां प्रचलित हैं। ये जगहें पर्यटकों के लिए रोमांचक और रहस्यमयी अनुभव प्रदान करती हैं। हालांकि इन जगहों पर जाने से पहले आप बहुत सावधान रहें। इन खंडहरों के बारे में सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी लेकिन निश्चित रूप से आपको यहां घूमने का मजा आएगा।