Jagatpura most haunted place || जयपुर की सच्ची घटना
राजस्थान के शहर जयपुर में एक ऐसा इलाका है जिसकी कहानियां सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यहां की परी कथाएं इतनी डरावनी हैं कि शहर के बहुत से लोग यहां आने से कतराते हैं।
हम बात कर रहे हैं जगतपुरा की, जिसे लोग ‘जगतपुरा पॉलटरगेस्ट हाउस’ के नाम से भी जानते हैं। यहां की कहानियों में भूतों, आत्माओं और अदृश्य शक्तियों का जिक्र मिलता है।
हालांकि इन घटनाओं की प्रामाणिकता पर संदेह है, लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुभव इतने भयानक हैं कि उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
Jagatpura पॉलटरगेस्ट हाउस की कहानी
जगतपुरा पॉलटरगेस्ट हाउस की कहानी करीब 300 साल पुरानी है। यहां के इलाके में एक किला था जिसका निर्माण नवाब ने करवाया था।
किले के पीछे एक जंगल था जिसका इस्तेमाल खजाना छिपाने के लिए किया जाता था। एक बार जब यहां युद्ध छिड़ गया तो बहुत से सैनिकों की मौत हो गई। उनकी लाशें इसी जंगल में दफना दी गईं।
डरावनी घटनाएं
गांव के लोगों का मानना है कि वे सैनिक अब भी इस जंगल में भटकते रहते हैं और यही वजह है कि यहां अक्सर डरावनी घटनाएं होती रहती हैं। कहा जाता है कि अगर रात को किसी ने अकेले इस जंगल से गुजरने की हिम्मत की तो उसकी जान चली जाती है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “रात को जब आवाजें आती हैं तो लगता है जैसे किसी की चीख रही हो। कई बार तो ऐसा लगा जैसे मेरे कानों में कोई धीरे से कुछ कह रहा हो।”
दूसरा एक निवासी बताता है, “एक बार मैं रात में अपनी बाइक से गुजर रहा था। अचानक मेरी नजर सफेद साया पर पड़ी जो बिलकुल इंसान की तरह चल रहा था। मैंने अपनी आंखें मली तो वह गायब हो गया।”
निषिद्ध जंगल
इन डरावनी घटनाओं की वजह से यहां के लोग इस जंगल में जाने से परहेज करते हैं। उनका मानना है कि जो भी इस जंगल में घुसा, वह वापस नहीं लौटा।
एक बार कुछ लोग लकड़ियां बीनने गए थे। वे लोग सुबह निकले थे लेकिन शाम तक नहीं लौटे। जब खोजबीन की गई तो उनके कपड़ों के टुकड़े मिले। बाद में जब वहां जांच हुई तो मालूम चला कि वे लोग रास्ते भटक गए थे और भूखे-प्यासे मर गए थे।
Jagatpura fort
Jagatpura का किला भी एक डरावनी जगह माना जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, शाम ढलते ही किले के भीतर कुछ अजीब आवाजें आने लगती हैं। कई लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने अपनी आंखों से यहां भूत देखे हैं।
एक आदमी का कहना है, “एक शाम मैं अपने दोस्त के साथ किले की दीवारों के पास खड़ा था। अचानक मेरी नजर किसी महिला पर पड़ी जो सफेद रंग की साड़ी पहने बैठी थी। लेकिन जब मैंने दोबारा उस तरफ देखा तो वहां कोई नहीं था।”
डर का माहौल
इन सभी कहानियों के बाद भी जगतपुरा का इलाका शांत और सुनसान लगता है। लेकिन डर का माहौल यहां मौजूद रहता है। अगर आप यहां से गुजरेंगे तो आप भी महसूस कर पाएंगे कि कुछ गलत है। रास्ते में जंगली जानवरों की आवाजें, टूटे हुए बंगले और चुप्पी आपको डरा देंगी।
स्थानीय लोग इन आत्माओं और भूतों का पूजन भी करते हैं। वे उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष पूजा-पाठ करते हैं ताकि वे उन पर कोई नुकसान न पहुंचा सकें। बच्चों को भी छोटी उम्र से ही इन कहानियों से अवगत करा दिया जाता है ताकि वे यहां न आएं और अपनी जान बचा सकें।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
बहुत से लोग इन कहानियों पर विश्वास नहीं करते और इन्हें मात्र मिथक मानते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शायद कुछ घटनाएं यहां प्राकृतिक रूप से घटी हों जिसे लोगों ने भूत और आत्मा से जोड़ दिया।
एक मनोवैज्ञानिक का कहना है, “आम तौर पर जंगल और सुनसान इलाकों से लोगों को डर लगता है। शायद यहां की घटनाओं को भी डर के कारण बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। धीरे-धीरे वे प्रचलित हो गईं।”
एक अन्य विशेषज्ञ कहते हैं, “यहां कुछ प्राकृतिक स्रोत मौजूद रहे होंगे जिससे अजीब आवाजें आती होंगी। हवा के बहाव, पेड़ों की आवाज या फिर जंगली जानवरों की आवाजें। लोगों ने इन्हें भी डरावनी कहानियों से जोड़ दिया।”
Jagatpura की प्रसिद्ध कहानियां
जगतपुरा पॉलटरगेस्ट हाउस से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जो लोगों के रोंगटे खड़े कर देती हैं। इनमें से कुछ लोकप्रिय कहानियों पर एक नजर डालते हैं:
भूतिया पुराना पेड़
जगतपुरा के जंगल में एक बहुत ही पुराना और विशाल पेड़ है जिसके बारे में सबसे डरावनी कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि रात के अंधेरे में इस पेड़ के नीचे अजीब-सी आवाजें आती हैं, जैसे कोई चिल्ला रहा हो। कई लोगों ने तो दावा किया है कि उन्होंने इस पेड़ के पास भूतों को घूमते हुए भी देखा है।
एक स्थानीय निवासी की मानें तो, “एक शाम मैं इस पेड़ के पास से गुजर रहा था तभी मुझे किसी का रोना सुनाई दिया। मैंने नजर घुमाकर देखा तो पेड़ के नीचे किसी की आकृति बैठी हुई नजर आई। पर जैसे ही मैं करीब गया, वो आकृति मेरी आंखों से ओझल हो गई।”
कई और लोग भी इस कहानी को मानते हैं और इस पेड़ के पास जाने से डरते हैं। स्थानीय लोग इसे भूतिया पेड़ भी कहते हैं।
भूत साया
Jagatpura इलाके में रहने वाले लोगों ने कई बार रात के अंधेरे में एक भयानक साया देखने की भी बात कही है। कहा जाता है कि जब आप यहां से गुजरें तो सफेद रंग का एक व्यक्ति आकार का साया आपके बगल में से गुजरता हुआ महसूस होगा। लेकिन जब आप मुड़कर देखेंगे तो वहां कोई नहीं होगा।
एक दंपति का कहना है कि, “हम दोनों शाम को मोटरसाइकिल से जा रहे थे। अचानक मेरे पति का ध्यान एक सफेद साया पर गया जो बगल में चल रहा था। कुछ ही पल में वो साया गायब हो गया। हम डर के मारे वहां से भागे।”
स्थानीय निवासी इस साये को भूत की आत्मा मानते हैं जो इस इलाके में भटकती रहती है। डर के मारे लोग शाम के वक्त इस रास्ते से गुजरना ही नहीं चाहते।
भूतिया बंगला
जगतपुरा की सबसे डरावनी जगह इसके ही जंगल में स्थित एक पुराना बंगला है। इस बंगले में अक्सर अजीब आवाजें और दिखावटें देखने को मिलती हैं। बहुत से लोगों ने इस बंगले को आसमान में उड़ते दिखाइयों के साथ देखने का भी दावा किया है।
एक युवक बताता है, “मेरे कुछ दोस्तों ने चैलेंज लिया था कि वो रात को इस बंगले में जाएंगे। दोस्तों ने वहां पत्थर फेंके तो अजीब आवाजें आने लगीं। जैसे ही उन्होंने बंगले की तरफ देखा तो कई परछाइयां नजर आईं। वे सब भाग निकले।”
कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा है कि इस बंगले में आतिशबाजी जैसे दृश्य भी देखे गए हैं। स्थानीय लोग इस बंगले के पास जाने से भी डरते हैं।
ये तीन कहानियां Jagatpura पॉलटरगेस्ट हाउस से जुड़ी सबसे प्रचलित और लोकप्रिय कहानियां हैं। इनके अलावा भी बहुत सी और डरावनी कहानियां यहां की लोक संस्कृति का हिस्सा हैं।
जगतपुरा जाने पर सावधानियां
कई बार युवाओं को अपने साहस की परीक्षा लेने की खुजली होती है और वे रात के अंधेरे में इस इलाके की सैर करने निकल पड़ते हैं।लेकिन विशेषज्ञ और स्थानीय लोग चेतावनी देते हैं कि यह बहुत ही खतरनाक कदम है।
एक पुलिस अधिकारी का कहना है, “हाल ही में कुछ युवकों के लापता होने की शिकायत मिली थी। जब हमने खोजबीन की तो पता चला कि उन्होंने जगतपुरा जाने की हिम्मत की थी। अंत में वे भटके हुए मिले। इस तरह की शरारत करना जानलेवा हो सकता है।”
स्थानीय प्रशासन ने कई बार इस इलाके को पूरी तरह सील करने की भी कोशिश की है लेकिन सफल नहीं हुए हैं। बावजूद इसके, वे आम लोगों को इस जगह से दूर रहने की हिदायत देते रहे हैं।
एक विशेषज्ञ का कहना है, “चाहे कहानियां सच हों या नहीं, लेकिन यहां जाना बहुत ही जोखिम भरा साबित हो सकता है। इस इलाके में जंगली जानवर भी मौजूद हैं। इसलिए किसी भी हालत में Jagatpura नहीं जाना चाहिए।”
इसलिए जो लोग आसपास के इलाकों से गुजरते हैं उनसे अनुरोध है कि वे जगतपुरा से दूर ही रहें और इन डरावनी कहानियों के साथ कोई जोखिम न उठाएं। ये कहानियां सुनने में जरूर दिलचस्प होंगी, लेकिन इन पर विश्वास करना और आजमाना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
Jagatpura पॉलटरगेस्ट हाउस की कहानियां आज भी लोगों को डरा देती हैं। आज तक इन आत्माओं और भूतों की उपस्थिति साबित नहीं हो पाई है। हालांकि लोगों के अनुभव उलझन में डालते हैं। अभी भी यहां जाना खतरनाक माना जाता है। सरकार इस इलाके को सुरक्षित बनाने पर काम कर रही है। लेकिन डरावनी कहानियां कभी खत्म नहीं होंगी। इनका एक विशेष स्थान रहेगा। लोग आने वाले समय में भी जगतपुरा पॉलटरगेस्ट हाउस की कहानियां सुनते और डरते रहेंगे।