kuldhara Village story in hindi || एक श्रापित गांव

Kuldhara Village || एक श्रापित गांव

Kuldhara राजस्थान का  एक रहस्यमय और डरावनी जगह के रूप में जाना जाता है। यह गांव लगभग 200 साल पहले अचानक वीरान हो गया था। इसके पीछे की कहानी इतनी अजीब और भयानक है कि इसे ‘श्रापित गांव’ के नाम से भी जाना जाता है। कुलधारा गांव जैसलमेर जिले में स्थित है और यहां आज भी रहस्यमय घटनाएं होती रहती हैं। चलिए, इस गांव के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कुलधारा गांव का इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार, Kuldhara गांव पालीवाल ब्राह्मणों का गांव था। इसके आसपास 84 और गांव थे जिनमें ब्राह्मण जाति के लोग रहते थे। ये गांव पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा ही बसाए गए थे। इस गांव को योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया था और यहां प्रत्येक कार्य सुव्यवस्थित तरीके से किया जाता था। इसी कारण यह गांव बहुत समृद्ध था।

 

kuldhara Village story in hindi || एक श्रापित गांव
kuldhara Village story in hindi || एक श्रापित गांव

किसने बसाया कुलधारा गांव ?

पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव को 1291 में बसाया था। वे मुख्य रूप से कृषि कार्य करते थे और उनके पास अपनी खेती के लिए पर्याप्त जल स्रोत भी थे। कुलधारा गांव जिप्सम चट्टानों पर स्थित था, इसलिए यहां की मिट्टी में नमी बहुत अधिक समय तक बनी रहती थी। इस कारण से यहां के किसान कम पानी में भी अच्छी फसल उगा लेते थे।

इतिहासकारों के अनुसार, पालीवाल ब्राह्मणों ने गांव को बेहद योजनाबद्ध तरीके से बसाया था। उन्होंने घरों में हवा के वेंटीलेटर बनाए थे जो भयंकर गर्मी में भी गांव को ठंडा रखते थे। साथ ही, घरों में झरोखे इस तरह से बनाए गए थे कि औरतें बाहर खड़े पुरुषों को देख सकती थीं, लेकिन पुरुषों को घर के अंदर खड़ी औरतें नहीं दिखतीं। इससे परिवारों की गोपनीयता बनी रहती थी।

kuldhara jaisalmer के भूतिया होने की कहानी

कुलधारा गांव के भूतिया तथा खाली होने के पीछे एक रहस्यमय और दुखद इतिहास  है। कहते  है कि उस समय जैसलमेर की रियासत के दीवान सलीम सिंह को गांव के मुखिया की बेटी पसंद आ गई थी। दीवान उसे किसी भी तरह से हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने पालीवाल ब्राह्मणों पर दबाव डालना शुरू कर दिया।

एक दिन दीवान ने गांव के मुखिया को धमकी भरा संदेश भिजवाया कि अगर कुछ दिनों में उसे लड़की नहीं मिली तो वह हमला करके उसे उठा लेगा। यह खबर सुनकर गांव में हड़कंप मच गया क्योंकि यह सिर्फ एक लड़की का मामला नहीं था, बल्कि गांव के सम्मान का सवाल था।

पालीवाल ब्राह्मणों ने चौपाल पर बैठक की और अपने सम्मान की रक्षा के लिए रियासत छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने एक मंदिर पर इकट्ठा होकर निर्णय लिया कि वे किसी भी स्थिति में अपनी लड़की को दीवान को नहीं देंगे। इस निर्णय का समर्थन करते हुए, गांव के लगभग 5000 से अधिक परिवार रियासत छोड़ने के लिए तैयार हो गए।

Kuldhara छोड़ने से पहले पालीवाल ब्राह्मणों ने एक दुखद कदम उठाया। उन्होंने गांव को श्राप दे दिया कि यहां कोई नहीं आएगा और न ही रहेगा। उनका मानना था कि इस तरह गांव में कभी भी जीवन नहीं लौटेगा। इसके बाद वे रात के अंधेरे में ही गांव छोड़कर चले गए। यहां तक कि उन्होंने अपने पीछे कुएं भी बंद कर दिए ताकि किसी को यहां लौटने का विचार न आए।

Kuldhara गांव की वर्तमान स्थिति

आज कुलधारा गांव भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। यहां दिन के समय सैलानियों को घूमने की अनुमति है, लेकिन रात के समय यहां आना वर्जित है। इस गांव में अभी भी पुरानी ईंटों की संरचनाएं और एक देवी का पुराना मंदिर मौजूद है। साथ ही यहां एक बावड़ी भी है, जिसका उपयोग पीने के पानी के लिए किया जाता था।

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यहां अक्सर रहस्यमय घटनाएं होती रहती हैं। कई बार रात के समय यहां से आवाजें आती हैं और लोगों को भूतों का अनुभव होता है। कहा जाता है कि रात के समय Kuldhara आने वाले लोग भूतों का शिकार हो जाते हैं। इसलिए स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद गांव के फाटक को बंद कर देते हैं।

कुलधारा गांव का रहस्य

एक अध्ययन के दौरान, दिल्ली से आई पैरानॉर्मल सोसाइटी की टीम ने भी Kuldhara गांव में कुछ असामान्य घटनाएं देखीं। उनके ड्रोन कैमरा ने गांव की बावड़ी के ऊपर से उड़ते समय अचानक काम करना बंद कर दिया, जैसे कोई उसे मंजूर न हो। साथ ही, टीम के सदस्यों की गाड़ियों पर बच्चों के हाथों के निशान भी मिले।

पैरानॉर्मल सोसाइटी की टीम ने गोस्ट बॉक्स नामक एक डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जिसके माध्यम से वे आत्माओं से संवाद कर सकती है। टीम के उपाध्यक्ष अंशुल शर्मा के अनुसार, उन्हें कुलधारा गांव में कई आवाजें सुनाई दीं और कुछ आत्माओं ने अपने नाम भी बताए। हालांकि, वे यह नहीं बता पाए कि ये आवाजें किन आत्माओं की थीं।

इस तरह, कुलधारा गांव आज भी अपने रहस्यमय इतिहास और घटनाओं के कारण लोगों को आकर्षित करता है। यहां आने वाले लोगों को एक अनोखा और डरावना अनुभव प्राप्त होता है। अगर आप भी इस तरह के रहस्यमय स्थानों पर घूमना पसंद करते हैं, तो कुलधारा गांव आपके लिए एक अनूठा अनुभव साबित हो सकता है।

कुलधारा गांव की यात्रा

अगर आप इतिहास और रहस्य से जुड़े स्थानों पर घूमना पसंद करते हैं, तो कुलधारा गांव आपके लिए एक शानदार गंतव्य हो सकता है। यहां आने के लिए आप जैसलमेर शहर तक पहुंच सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी या बस से कुलधारा गांव जा सकते हैं। यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।

Kuldhara गांव में घूमने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में प्रति व्यक्ति 10 रुपये देने होते हैं। यदि आप घर से कैमरा या ड्रोन लेकर आते हैं तो 50 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यहां घूमने के बाद आप जैसलमेर शहर में ही रुक सकते हैं, जहां आपको कई होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे। जैसलमेर में आप पारंपरिक राजस्थानी व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं, जैसे प्याज की कचौरी, मिर्च वाड़े, दही बड़े आदि।

यात्रा के दौरान आप Kuldhara गांव से थोड़ी दूर स्थित सोनेरी नगरी जैसलमेर शहर का भी भ्रमण कर सकते हैं। यहां आप गोल्डन फोर्ट, पत्तन हवेली, सलीम सिंह की हवेली, गदसीसर सरोवर आदि जगहों पर घूम सकते हैं। साथ ही, आप विशाल रेगिस्तान का भी आनंद ले सकते हैं और रेत के टीलों पर सवारी का मजा ले सकते हैं।

Kuldhara location

जैसलमेर शहर से Kuldhara गांव की दूरी लगभग 18-20 किलोमीटर है। आप यहां विभिन्न तरीकों से पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से आने पर आपको जैसलमेर हवाई अड्डे पर उतरना होगा, जो गांव से 22 किमी दूर है। रेल मार्ग से आने पर जैसलमेर रेलवे स्टेशन से आपको गांव तक 2 किमी की दूरी तय करनी होगी। सड़क मार्ग से आने वाले आप राजस्थान राज्य परिवहन निगम की बसों का सहारा ले सकते हैं।

अगर आप अंतरराष्ट्रीय यात्री हैं और हवाई मार्ग से आना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प जोधपुर हवाई अड्डा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कुलधारा गांव से लगभग 285 किमी की दूरी पर स्थित है। जोधपुर से आप कार, टैक्सी या बस से आगे बढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

कुलधारा गांव एक रहस्यमय और डरावनी जगह है, लेकिन यही इसकी खासियत भी है। यहां आकर आप एक अनोखा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और इतिहास के एक अज्ञात पहलू को जान सकते हैं। यदि आप रहस्य और इतिहास से जुड़े स्थानों पर घूमना पसंद करते हैं, तो Kuldhara गांव आपके लिए एक शानदार गंतव्य साबित हो सकता है।

भारत के सबसे भूतिया किले के बारे मे जानने के लिए यहा क्लिक करे –

5 thoughts on “kuldhara Village story in hindi || एक श्रापित गांव”

  1. Pingback: Nahargarh Fort ||bhutiya fort ranthambore - Travelsnap.in

  2. Pingback: about bhangarh fort in hindi - Travelsnap.in

  3. Pingback: The haunted airport of Hyderabad - Travelsnap.in

  4. Pingback: errum manzil haunted place hyderabad - Travelsnap.in

  5. Pingback: 10 Mysterious Village In India - Travelsnap.in

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top