top 5 Haunted Places in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसके अंदर बहुत सारे रहस्य छिपे हुए हैं। यहां के कई किले, महल और शहर अपने इतिहास और लोककथाओं के लिए मशहूर हैं। आज हम आपको मध्य प्रदेश की कुछ ऐसी ही शहरी किंवदंतियों और भूत-प्रेतवासित स्थानों के बारे में बताएंगे।
भोपाल की रहस्यमयी कहानी
भोपाल शहर का नाम राजा भोज से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि राजा भोज ने ही इस शहर की स्थापना की थी और शुरू में इसका नाम भोजपाल था। एक दिन दुश्मनों ने राज्य पर हमला कर दिया और एक भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें राजा भोज की मृत्यु हो गई।
दुश्मनों की नजर राजा की रानी कमलापति पर पड़ी। उन्होंने महल में घुसकर रानी को अगवा करना चाहा, लेकिन रानी कमलापति ने अपनी सभी दासियों के साथ महल के नीचे बने तालाब में कूदकर खुदकुशी कर ली।
कहा जाता है कि रानी कमलापति भगवान की बहुत भक्त थी। उसने अपने पीछे दुश्मनों पर एक सर्प छोड़ दिया, जिसके चलते इस तालाब में राजा भोज के खजाने और हीरे-जवाहरात भी समा गए। आज इसी जगह पर राजा भोज की मूर्ति स्थापित की गई है।
लोगों का मानना है कि इस तालाब में कुछ अलौकिक शक्तियां मौजूद हैं, क्योंकि राजा भोज के खजाने में पारसमणि भी शामिल था, जिसकी शक्तियां इस पानी में मिल गई हैं।

चंदेरी की कटी घाटी top 5 Haunted Places in Madhya Pradesh
चंदेरी मालवा सल्तनत के समय में एक महत्वपूर्ण स्थान था। यहां का राज्यपाल जीमन खान था, जो अपने शासन से गयासुद्दीन खिलजी को खुश रखता था। जब खिलजी चंदेरी आने वाला था, तो जीमन खान ने उसके स्वागत के लिए एक विशाल द्वार बनवाने का निर्देश दिया।

लेकिन इतने बड़े द्वार को बनाना आसान नहीं था। एक स्थापत्य शिल्पी ने यह काम संभाला और उसने शर्त रखी कि जब तक वह इस विशाल द्वार को नहीं बना लेता, तब तक चंदेरी का कोई व्यक्ति उसके पास नहीं आएगा।
स्थापत्य शिल्पी ने एक खूबसूरत और विशाल द्वार बनाया, जिसे आज कटी घाटी के नाम से जाना जाता है। लेकिन गलती से उसने इस द्वार में किसी दरवाजे को शामिल ही नहीं किया। इसके चलते चंदेरी दुश्मनों के लिए खुला खजाना बन गया।
कहा जाता है कि इस गलती के कारण स्थापत्य शिल्पी ने खुदकुशी कर ली और आज भी कटी घाटी के ऊपर उसकी कब्र बनी हुई है। रात के समय कभी-कभी लोगों को वहां उस शिल्पी की आत्मा दिखाई देती है, क्योंकि उसे चंदेरी को दुश्मनों से बचाना था।
मलाजपुर का भूत मेला top 5 Haunted Places in Madhya Pradesh
मलाजपुर गांव में बाबा देवजी नामक एक संत रहते थे, जिनके पास अलौकिक शक्तियां थीं। बाबा देवजी लोगों को प्रेत-प्रकोप से छुटकारा दिलवाते थे और उनकी पूजा होने लगी। आज भी मलाजपुर के लोग बाबा देवजी को अपना गुरु मानते हैं।
हर साल मलाजपुर में एक भूत मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से भूत-पिशाचों से पीड़ित लोग आते हैं। बाबा देवजी के अनुयायी इन लोगों को आत्माओं से छुटकारा दिलवाते हैं। कहा जाता है कि यहां शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से लोगों को आत्माओं से मुक्ति मिलती है।
भोपाल गैस त्रासदी और उसकी कहानियां
2-3 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल में एक भयानक औद्योगिक हादसा हुआ, जिसमें 3000 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोग विकलांग हो गए। यह हादसा यूनियन कार्बाइड इंडिया के कीटनाशक प्लांट में हुआ था, जहां से मिथाइल आइसोसायनेट गैस रिसाव हुई थी।

आज भी लोग उस फैक्ट्री के पास से गुजरने से डरते हैं। कहा जाता है कि वहां अब भी हजारों की चीखें सुनाई देती हैं और कभी-कभी लोगों को अपने आसपास किसी की मौजूदगी का अहसास होता है। लोगों का कहना है कि अगर कोई शाम के बाद फैक्ट्री में दाखिल होता है, तो उसे आत्माएं धक्का देती हैं, जैसे वे नहीं चाहतीं कि कोई वहां प्रवेश करे।
बेगम शाहजहां की आत्मा
भोपाल के ताजमहल पैलेस एक समय बेगम शाहजहां का घर होता था। इस महल के पास रामदीन नाम के एक व्यक्ति की दुकान थी। एक रात जब रामदीन दुकान बंद करने जा रहा था, तो उसे महसूस हुआ कि दुकान की खिड़कियां खुद-ब-खुद खुल रही हैं।
जब रामदीन ने बाहर देखा, तो उसे एक परछाईं दिखाई दी, जो सफेद पठानी कुर्ते में थी और अजीब तरह से मुस्कुरा रही थी। यह परछाईं कोई और नहीं, बल्कि बेगम शाहजहां की आत्मा थी।
बेगम शाहजहां ने ही 1871 से 1884 के बीच ताजमहल पैलेस को बनवाया था। उनके आखिरी दिनों में वे अकेली रहती थीं और यही महल उनका घर था। तब से लेकर आज तक कई लोगों को बेगम की आत्मा यहां फिरती हुई दिखाई देती है।
शाहजहांनाबाद की रहस्यमयी मस्जिद
बेगम शाहजहां ने ही मोतिया तालाब के पास एक मस्जिद भी बनवाई थी। इस मस्जिद में बनकर भी तैयार होते थे। आज भी इस मस्जिद के मुजरिम का कहना है कि यहां कई अच्छे जिन रहते हैं, जो नमाज अदा करते हैं और मस्जिद की रक्षा करते हैं।
कई बार लोग जब सुबह-सुबह मस्जिद में प्रार्थना करने जाते हैं, तो उनके आसपास एक ऐसी परछाईं होती है, जो उन्हीं की तरह नमाज अदा करती है और फिर बीच हवा में गायब हो जाती है। इसी वजह से कई लोग अकेले मस्जिद में आने से डरते हैं।
मध्य प्रदेश की शहरी किंवदंतियां और भूत-प्रेतवासित स्थानों की इन कहानियों में कितनी सच्चाई है, यह तो कोई नहीं कह सकता। लेकिन ये कहानियां इस राज्य के इतिहास और संस्कृति को और भी खूबसूरत बनाती हैं। अगर आप मध्य प्रदेश जा रहे हैं, तो इन जगहों पर जरूर जाएं और खुद देखें कि क्या वहां कोई रहस्य छिपा हुआ है।
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